
सिन्दूरी अनार की खेती
अनार उपोष्ण जलवायु का पौधा है। यह दुनिया के गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण फल है। भारत में अनार के पेड़ अधिकतर महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पाए जाते हैं। भारत में अनार को कई नामों में जाना जाता है। इसका रस स्वादिष्ट तथा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। अनार एक बहुत ही उपयोगी फल है, जिसमे कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन और विटामिन की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है। अनार का सेवन मानव शरीर के लिए काफी लाभदायक होता है, यह मनुष्य के शरीर में अधिक तेजी से रक्त की मात्रा को बढ़ाता है। इसके बीज और छिलको का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाईयो को बनाने में भी किया जाता है। इस कारण भारतीय बाजारों से लेकर विदेशी बाजारों में अनार की मांग हमेशा अधिक रहती है। अनार का पूर्ण विकसित पौधा 15 से 20 वर्षो तक पैदावार देता है, जिससे किसान भाई अनार की खेती कर अधिक लाभ कमा सकते हैं
पौधा रोपण के बाद अनार के पौधे को पूर्ण विकसित होने में 2 से 3 साल का समय लगता है। अनार का पौधा 2 से 3 साल में पेड़ बन जाता है और फल देना शुरू कर देता है। अनार के पौधों में फल सेट होने के बाद अनार के फल 5 से 7 महीनों में पककर तैयार हो जाते हैं। अच्छी तरह से विकसित पौधा 15 से 20 किलोग्राम फल हर साल 25-30 सालों तक देता रहता है। एक हेक्टेयर के खेत में तकरीबन 600 से अधिक पेड़ों को लगाया जा सकता है। अनार के एक हेक्टेयर के खेत से 90 से 120 क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो जाती है, जिससे किसान भाई अनार की एक बार की फसल से 5 से 7 लाख रूपये सालाना आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
न्यूनतम ऑर्डर 100 पौधे पर दी जाने वाली सुविधाएं -
- फ्री होम डिलवरी 100 कि.मी. तक
- टेक्निकल सपोर्ट
- 2 साल तक सुपरविजन
- 100% रिप्लेसमेंट एक बार 12 से 18 महीने के अंदर
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