
एप्पल बेर
एप्पल बेर की खेती का समय
शुष्क क्षेत्र में पौधे लगाने का सबसे उपयुक्त समय वर्षा ऋतु (जुलाई से अगस्त माह) है. सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तो बसंत ऋतु (फरवरी से मार्च माह) में भी पौधे का रोपण किया जा सकता है.
एप्पल बेर की खेती वाले राज्य
भारत में एप्पल बेर की खेती उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, गुजरात, बिहार, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में अधिक की जाती है.
एप्पल बेर की उन्नत किस्मे
भारत देश में एप्पल बेर की विभिन्न प्रकार की उन्नत किस्मों की खेती की जाती है. किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही एप्पल बेर की किस्मों का चयन करना चाहिए ताकि अच्छा उत्पादन मिले. कुछ प्रमुख किस्मो की जानकारी निचे दी गयी है:
कश्मीरी एप्पल बेर
थाई एप्पल बेर
कश्मीरी एप्पल बेर की खेती
बता दे कश्मीरी एप्पल बेर एक प्रकार का लाल अपूर्ण फल है, जो कश्मीरी घाटी के क्षेत्र में पाया जाता है. भारत देश के उष्णकटिबंधीय, अर्ध शुष्क और उप-आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में इसकी ग्राफ्टिंग पौधे काफी चर्चा में बने हुए है. कश्मीरी बेर का पौधा लगभग 18 माह के बाद फल देने लग जाता है. जब पौधे पर बेर लगते है तब बेर हरे रंग के होते है और जब पौधे पर बेर पक जाते है तब यह लाल रंग के बेर में बदल जाते है
इसका पूर्ण विकसित पौधा 70 से 80 किलोग्राम फल का उत्पादन देता है. भारतीय मंडी तथा बाजार में एप्पल बेर की कीमत लगभग 40 से 50 रुपए/ प्रति किलोग्राम होती है. इसके चलते किसान भाईयों को कम से कम 25 से 30 रुपए प्रति के हिसाब से भाव मिल ही जाता है. इस हिसाब से इसके एक पेड़ से 2000 रुपए की कमाई आसानी से की जा सकती है. वही, एक हैक्टेयर के खेत में लगभग 700 से 800 एप्पल बेर के पौधे को लगाया जा सकता है. इस तरह से किसान एप्पल बेर की खेती से 12 से 16 लाख रुपए/ प्रति हेक्टेयर की मोटी कमाई कर सकते है. अगर 2 लाख खर्चे को भी हटा दे तो किसान भाई इस फसल से 10 लाख का शुद्ध मुनाफा कमा सकते है.
न्यूनतम ऑर्डर 100 पौधे पर दी जाने वाली सुविधाएं -
- फ्री होम डिलवरी 100 कि.मी. तक
- टेक्निकल सपोर्ट
- 2 साल तक सुपरविजन
- 100% रिप्लेसमेंट एक बार 12 से 18 महीने के अंदर
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