
आंवला चकैया
आंवले में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, आयरन और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइडेड और फास्फोरस पाया जाता है। आंवले के सेवन से कई प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है। आंवले के सेवन से एनीमिया की समस्या दूर होती है। यह आयरन की कमी को दूर करता है। इसे इम्यूनिटी क्षमता बढ़ाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। ये आंखों, बालों, त्वचा और हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है।
कब करें आंवले की खेती
वैसे तो आंवले की खेती जुलाई से सितंबर के महीने में की जाती है। लेकिन इसकी खेती जनवरी से फरवरी महीने में भी की जा सकती है।
आंवले की खेती के लिए कैसे होनी चाहिए मिट्टी
आंवले की खेती हर प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। बस इसके लिए जलभराव वाली मिट्टी नहीं होनी चाहिए। यदि खेत में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है तो इसकी खेती नहीं करें, क्योंकि जल की अधिकता से इसके पौधे नष्ट हो जाते हैं। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5-9.5 होना चाहिए।
आंवले की कौनसी है उन्नत किस्में
आंवले की उन्नत किस्मों की ही बुवाई करनी चाहिए ताकि फलों का आकार बड़ा प्राप्त हो। आंवले की उन्नत किस्मों में बनारसी, चकईया, फ्रान्सिस, कृष्णा (एन ए- 5),नरेन्द्र- 9 (एन ए- 9),कंचन (एन ए- 4),नरेन्द्र- 7 (एन ए- 7),नरेन्द्र- 10 (एन ए-10) किस्में प्रमुख है। आप अपनी सुविधा और क्षेत्रीय जलवायु के हिसाब से किस्म का चयन कर सकते हैं।
आंवले की खेती से कितना हो सकता है लाभ
आंवले की खेती से किसान काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। आंवले की रोपाई के बाद उसका पौधा 4-5 साल में फल देने लगता है। 8-9 साल के बाद एक पेड़़ हर साल औसतन 1 क्विंटल फल देता है। बाजार में आंवले का फल प्रति किलो 15-20 रुपए में बिक जाता है। इस हिसाब से देखा जाएं तो किसान इसके एक पेड़़ से हर साल 1500 से 2000 रुपए की कमाई कर सकते हैं। यदि किसान इसके 400 पौधे लगाते हैं तो उनसे हर साल 6 से 8 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं।
न्यूनतम ऑर्डर 100 पौधे पर दी जाने वाली सुविधाएं -
- फ्री होम डिलवरी 100 कि.मी. तक
- टेक्निकल सपोर्ट
- 2 साल तक सुपरविजन
- 100% रिप्लेसमेंट एक बार 12 से 18 महीने के अंदर
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